सिंदूर तो सिर्फ झांकी है, मेहंदी और हल्दी अभी बाकी है सोलह श्रृंगार में से एक है - सिंदूर

रायपुर न्यूज / पहलगाम घटना को लेकर देश - विदेश सहित लोगों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है भारत देश के साथ - साथ पड़ोसी मुल्क देश भी इस घटना को लेकर आहत हैं वहीं छत्तीसगढ़ राज्य सहित राजधानी रायपुर में भी आतंक के खिलाफ देश के सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ देने कर्तव्यध्य है देश के कश्मीर स्थित पहलगाम में मारे गए बेकसूर लोगों का बदला लेने भारतीय सेना के द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के सफल हमले और आतंक के सफाए के लिए दुआ करते हुए देश में अमन - शांति के लिए देश एवं देश के हर राज्यों के आमजन दुआ मांग कर मृत लोगों के लिए दीप प्रज्ज्वलित कर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं जिस तरह से पहलगाम में बेकसूर भारतीयो को मारा गया और हमारे देश के प्रधानमंत्री के द्वारा आंतक के खिलाफ कार्यवाही शुरू की है हम सभी इसकी सराहना करते है और भारत सरकार और सेना के साथ है सेना के जज्बे को सलाम करते हैं और हम चाहते हैं कि वतन में अमन - शांति और देश की अखंडता के लिए आंतक के सफाए की जरूरत है बर्दाश्त और खामोशी दोनों आपको ताकत देते हैं बर्दाश्त आपको दिमागी तौर पर मजबूत बनाती है और खामोशी आपको जज्बाती तौर पर मजबूत बनाती है।
भारत - पाकिस्तान के बीच निरंतर बढ़ते तनाव के बावजूद भारत की आपसी भाईचारा एकता एवं अखंडता का परिणाम पाकिस्तान अपने मंसूबे में सफल नहीं हो पा रहा है जाति धर्म से ऊपर उठकर भारतीय एकता एवं अखंडता के लिए सभी जाति धर्म के लोग सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं सभी का एक ही मंसूबा है कि जड़ से आतंकवाद खत्म हो आज विश्व के अनेक बड़े देश भारत की इस कदम में अपनी सहभागिता दर्शा रहे हैं इसके लिए युद्ध जरूरी हो तो भारतीय सेना ने आतंकवादियों के ठिकानों पर हमला किया निर्दोष आम नागरिक इसका शिकार ना हो उसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है पर पाकिस्तान सेना आम नागरिकों को अपना शिकार बना रहा है एवं धार्मिक स्थलों,स्कूलों पर भी हमला कर धार्मिक भावनाओं को भी भड़काने की नाकाम कोशिश की जा रही है लगातार पाकिस्तान सेना द्वारा किए जा रहे उलंघन का जवाब भारतीय सेना दे रही है पर यदि यही स्थिति रही तो युद्ध प्रारम्भ होने में देर नहीं लगेगी और पाकिस्तान के टूकडे -टूकडे हो जायेंगे साथ ही पाकिस्तानी आंतकीयो को यह बताना जरूरी है कि ----- सिंदूर तो सिर्फ झांकी है मेहंदी और हल्दी अभी बाकी है, सोलह श्रृंगार में से एक है --- सिंदूर,
अभी तो सिंदूर देखें हो - हमारे यहां 16 श्रृंगार की परम्परा है 15 अभी बाकी है /
भारत माता की जय ,जय हिन्द
दिनेश चंद्र कुमार
राजधानी हलचल
झूठ से सामना ,सच के साथ